Friday, July 27, 2012

सावधान सोशल नेटवर्किंग आपकी नौकरी खा सकती है


फेसबुक ट्विटर   ने हम सभी की जिंदगी बदल दी है चलते-फिरते खाते - पीते हर बात हम लोग अपने स्टेटस  पर लिख देते है ऐसा करना सही या गलत इस पर सबकी अपनी राय हो सकती है पर ये आजकल हमारी जिंदगी का हिस्सा है .
 कही घूमने गए फोटो  फेसबुक पर,घर में उत्सव हुआ फोटो फेसबुक पर ,बारिश हुई ट्विट कर दिया नहीं हुई ट्विट कर दिया, किसी पर गुस्सा आया ट्विट कर दिया किसी पर नाराज़ हैं स्टेटस अपडेट किया यहाँ तक की घर में जलेबी बनी, नए कपडे लिए ,शोपिंग गए ,तबियत ख़राब हुई , ठीक हुई हर बात हम फेसबुक पर अपडेट कर देते हैं....और नहीं तो ट्विट का चटका लगा देते है.

बात तब तक ठीक है जब ये सिर्फ  सोशल नेटवर्क पर अपडेट तक सीमित है , मेरी नज़र में इस बात में बुराई भी नहीं क्यूंकि में स्वयं उसी जनरेशन  का हिस्सा हू और लोगो से जुड़े रहने में अच्छा महसूस करती हू.खेर बात मेरी आपकी नहीं. जुड़े रहना ,ट्विट करना ,अपडेट करना इसकी भी नहीं बात ये भी नहीं की हम क्या और कितना और किसके साथ शेयर कर रहे हैं ये हमारा अपना  विवेक है , पर हमारे विवेक को और हमारी सोच को प्रभावित करने करने के लिए घटनाएँ हो रही हैं जो हमें प्रभावित कर सकती हैं.

हाल ही में किए गए एक शोध के अनुसार आजकल कंपनिया चुने जाने वाले केंडीडेट्स के बेकग्राऊंड चेक के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर उनके अकाउंट की पड़ताल करने लगी है और विदेशों में इसे आधिकारिक रूप से स्वीकृति भी मिल चुकी है.भारत में इसे अभी कानूनी मान्यता नहीं मिली है पर कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के बेकग्राऊंड चेक के लिए  ये तिकड़म  भिड़ानी शुरू कर दी है .

आम भारतीयों को (वेसे आम जो कुछ फोटो डाल देते है ,खाया पिया हसे गाए के स्टेटस डालते हैं या एसे ही आम काम करते हैं ) इससे ज्यादा समस्या नहीं होने वाली ,समस्या उन लोगो को होगी जो आम से कुछ अलग है यानि अपने स्टेटस पर गाली गलोच का प्रयोग करते है ,या जातिगत कमेन्ट  ज्यादा करते हैं ,या घटिया भाषा ,रंगभेद ,लिंगभेद को बढ़ावा देते स्टेटस डालते हैं. इसी  के साथ उन लोगो पर भी इन कंपनियों की नज़र है जो रात की पार्टी में टुन्न होकर फोटो खिचवा लेते हैं और वेसी ही मदहोशी की हालत वाली फोटो फेसबुक या ट्विटर या पर फेला देते हैं . तो सावधान रहिये  हो सकता कल को जब आप अच्छा दमदार रिज्यूमे तैयार करके साक्षात्कार दे और जवाब में आए की आप हमारी कम्पनी में काम नहीं कर सकते क्यूंकि आपके फेसबुक के फोटो आपत्तिजनक हैं .

इतना ही नहीं ये कम्पनियां आपके साथ साथ आपकी फ्रेंड लिस्ट में जुड़े लोगो पर भी नज़र रखेंगी  और अगर आपकी फ्रेंड लिस्ट में आपराधिक प्रवत्ति या रिकॉर्ड वाले लोग पाए गए तो आप पर खतरा मंडरा  सकता है ,सावधान हो जाइये क्यूंकि आप ऑफिस के बाहर क्या कर रहे है ,किन लोगो में आपका उठना बैठना है हर बात पर आपके नियोक्ता की नज़र है .

यहाँ एक मुद्दा व्यक्तिगत अधिकारों के हनन का भी है और अमेरिका में इसे लेकर बाहर जारी है की क्या इस तरह का बेकग्राऊंड चेक निजी जीवन में घुसपेठ  नहीं है ? क्योंकि वहा पारित कानून के अनुसार एक बार इस तरह का बेकग्राऊंड चेक होने के बाद अगर व्यक्ति उचित नहीं पाया गया तो ७ वर्षों के लिए इसी बेकग्राऊंड चेक को आधार मानकर  कम्पनी  आपकी नियुक्ति पर रोक लगा सकती है .

निजता का हनन तो ये है ही क्यूंकि प्रत्येक व्यक्ति अपनी प्रोफेशनल लाइफ और पर्सनल लाइफ में अलग हो सकता है वो अपने काम में माहिर हो सकता है पर सामाजिक रूप से आक्रामक या कुछ असामाजिक हो सकता है ,देखा जाए तो कंपनियों को ये अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए पर दूसरा पहलु ये भी है की हर कम्पनी अपने यहाँ काम करने वाले लोगो के बारे जानकारी रखने की अधिकारी है क्योंकि कल को वो किसी असामाजिक काम को करते हुए पकड़ा गया तो सवाल कम्पनी से भी होंगे .

निजता और निजी जीवन में घुसपेंठ की बहस काफी लम्बी है और अलग अलग परिस्थितियों में इसके प्रभाव अलग हो सकते हैं ,पर हम कोशिश कर सकते हैं की हमारी जिंदगी इससे ज्यादा प्रभावित  ना हो. तो एक बार अपने प्रोफाइल को चेक अवश्य कर लें :-
  • लोग आपको घटियाँ गंदे या अश्लील चित्रों  में टेग  तो नहीं कर रहे
  • आपकी फ्रेंड लिस्ट में अनजाने या बुरे लोग तो शामिल नहीं हो गए 
  • कोई आपके प्रोफाइल का गलत इस्तेमाल तो नहीं कर रहा  (हेकिंग  से बचिए )
  • ट्विटर पर आप गलत लोगो को फोल्लो तो नहीं कर रहे
  • आपकी भाषा अश्लील या भावनाएं भड़काने वाली ना हो  ( ये सामाजिक रूप से भी जरुरी है)

सावधान रहे हो सकता है गलती आपकी ना हो या अनजाने में किसी फोटो को शेयर या लाईक किया हो और वो आपकी नौकरी खा जाए . और अगर सच में इसी तरह के इंसान है जो भड़काऊ बयान देना,शराब पीकर किए गए धमाल को लोगो से शेयर करना या आपतिजनक सामग्री को शेयर करना पसंद करते है  तो ज़रा ज्यादा सावधानी की जरुरत होगी क्यूंकि आप जेसे लोगो के कारण बिचारे दुसरे लोगो की नौकरी खतरे में आ सकती है ...
इस आलेख को मीडिया दरबार पर भी देखा जा सकता है 

आपका एक कमेन्ट मुझे बेहतर लिखने की प्रेरणा देगा और भूल सुधार का अवसर भी

11 comments:

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

अच्छी जानकारी देती पोस्ट,,,,आभार कनु जी

RECENT POST,,,इन्तजार,,,

Shalini kaushik said...

बहुत अच्छी जानकारी दी है आपने आभार सुन्दर प्रस्तुति हमेशा की तरह
मोहपाश को छोड़ सही रास्ता दिखाएँ .

कविता रावत said...

बहुत बढ़िया प्रेरक प्रस्तुति

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

सोशल नेटवर्क का सकारात्मक उपयोग ही होना/करना चाहिए...
सचेत करता अच्छा आलेख...
सादर।

प्रवीण पाण्डेय said...

मर्यादा तो रखनी ही होगी...

सुशील कुमार जोशी said...

हर चीज के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू हैं !
अति का भला ना बरसना
अतिअ की भली ना धूप
सदबुद्धी जरूरी है !!

बहुत सूंदर लेख !

हरकीरत ' हीर' said...

नौकरी के साथ साथ इसे भी चलाना तो पड़ेगा...
शायद इसलिए अब गोलों का मिलना-जुलना कम होता जा रहा है ...

Asha Lata Saxena said...

अच्छी जानकारी देता लेख |
आशा

Anonymous said...

That's really interesting. Thanks for posting all the great information! Had never thought of it all that way before.

Pallavi saxena said...

अच्छा लिखा है जानकारी पूर्ण आलेख

Kirti Kumar Gautam said...

Kul milakar ye galat hai aur illegal bhi. blog aur facebook par kiye gaye comment ek voluentary reaction hote hai ... jo ki smy ke saath badal jaate hai ....